इंदौर। खंडवा रोड स्थित संत आशाराम जी आश्रम में बापूजी का ५६ वाँ आत्मसाक्षात्कार दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया | आश्रम संचालक मुकेश भाई पटेल ने इस दिन की विशेषता बताते हुए कहा कि ''मनुष्य जन्म का वास्तविक उद्देश्य है आत्मा का ज्ञान पाना, आत्मसुख पाना । सदगुरु श्री वसिष्ठजी से यही आत्मज्ञान भगवान रामचन्द्रजी ने पाया था । गीता का यही ज्ञान भगवान श्रीकृष्ण से पाकर अर्जुन धन्य हुए थे । अनादिकाल से गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से यही ज्ञान-प्रसाद समाज में बँटता रहा है और समाज को सच्चे सुख-शांति, आनंद से तृप्त करता रहा है ।
गुरु–शिष्य परम्परा का यही प्रसाद आश्विन मास, शुक्ल पक्ष द्वितीया संवत् 2021 (7 अक्टूबर 1964) के दिन मध्याह्न ढाई बजे भगवत्पाद सदगुरु साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज की कृपा से पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने पाया था अर्थात् उन्हें आत्मा-परमात्मा का साक्षात्कार हुआ था, आत्मा-परमात्मा की एकता का बोध हुआ था ।
कार्यक्रम के अंत में महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया |