इंदौर। देश में 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर चल रहा संयश अब खत्म हो गया है। प्लास्टिक उद्योगों को किसी नए नियम, प्रतिबंधित होने वाले प्रोडक्ट की जानकारी नही मिल पा रही थी। अब जब केंद्र सरकार ने नए नियम के स्थान पर पहले से लागू नियमों के तहत ही कार्यवाही और जनजागरण के माध्यम लागू करने का निणर्य लिया है। इससे प्लास्टिक उद्योग ने राहत की सांस ली है। इस संबध में प्लास्टिक उद्योग का मुख्य संगठन इंंडियन प्लास्टपैक फोरम ने भी केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल, मप्र पर्यावरण एवं आवास मंत्रालय, मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल सहित इंदौर नगर पालिक निगम को भी ज्ञापन दिया था।
आईपीपीएफ के श्री सचिव सचिन बंसल ने बताया कि केंद्र सरकार से अपील की गई थी कि वे वर्तमान में स्थापित उद्योग में हुए निवेश, उनमें लगे लोगो के रोजगार और प्लास्टिक का कोई विकल्प नही होने के चलते सरकार से इसे लागू करने के पहले फिर से विचार करने की बात कही थी। इस संदर्भ में आईपीपीएफ के द्वारा दिए गए प्रतिवेदन पर गंभीरता से विचार किया गया। उन्होनें बताया कि हमारे द्वारा दिए गए प्रजेंटेशन में उद्योगो की संख्या, निवेश, रोजगार और पूंजी की हानि के आंकडे से केंद्र और प्रदेश के अधिकारी भी सहमत हुए। श्री बंसल ने बताया कि अब केंद्र सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को विभिन्न चरणों में रोक लगाएगी। इससे उद्योगो को संभलने का मौका मिलेगा।
सचिव श्री बंसल ने बताया कि इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के प्रतिवेदन के बाद अब विस्तृृत जानकारी के साथ एक बार फिर से मिलने लिए बुलाया गया है। इसमें कैसे प्लास्टिक के सिंगल यूज प्रोडक्टर्स को रिसायकलिंग बढाने, उनके निष्पादन के तरीके और रोक लगाने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा। उन्होनें सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्टर्स पर तत्काल रोक नही लगाने के लिए केंद्र और राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि अधिकारियों ने हमारी समस्या को समझा और उसे माना है अब प्लास्टिक उद्योग इस दिशा में हर संभव मदद करेगें और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 और संसोधन नियम 2018 के तहत लागू नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।