आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा देने का फैसला वापस नहीं लेने के विरोध में मंत्री इमरती देवी का पुतला जलाया
इंदौर। आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा देने का प्रयास और यह फैसला वापस नहीं लेने के विरोध में मध्यप्रदेश सनातन धर्म सेवा समिति द्वारा  17 नवंबर 2019 रविवार को दोपहर 1 बजे तेजाजी नगर चौराहे के पास शंकराचार्य मठ इंदौर के प्रभारी डॉ गिरीशानंदजी महाराज के मार्गदर्शन में पुलिस को चकमा देकर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी का पुतला जलाया गया। पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन को दलित उत्थान समिति ने भी पूर्ण समर्थन दिया। इसके पूर्व शंकराचार्य मठ इंदौर के प्रभारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज के मार्गदर्शन में पिछले दिनों दोनों समितियों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम संभागायुक्त को ज्ञापन दिया गया था, जिसमें सरकार से आग्रह किया था कि सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए वह आंगनबाड़ियों में अंडा देने का प्रस्ताव वापस ले। ऐसा नहीं करने पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की चेतावनी दी थी। अभी तक मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने अपने बयान में या फिर सरकार ने अपने किसी निर्देश में यह साफ नहीं किया है कि उन्होंने आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा देने का विचार त्याग दिया है। समितियों द्वारा मांग की है कि आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडे की बजाय अन्य सर्वमान्य पौष्टिक खाद्य सामग्री दूध, फल, सूखे मेवे आदि दी जानी चाहिए।

मध्यप्रदेश सनातन धर्म सेवा समिति के संरक्षक डॉ.गिरीशानंदजी महाराज ने कहा है कि अंडा मांसाहार है। सनातन धर्म में कई लोग ऐसे हैं, जिनके परिवार में अंडे को छूते तक नहीं हैं, ऐसे में उनके बच्चों को खाने के लिए अंडे देना कहां तक उचित है? 

समिति ने शंकराचार्य मठ, इंदौर के प्रभारी ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज की बात का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अंडा खाकर बच्चे क्या सीखेंगे? आज अंडा खाएंगे, कल गोश्त खाने लगेंगे और फिर शराब की ओर रुख करेंगे। कई परिवारों में अंडे नहीं खाए जाते, ऐसे में उनके बच्चों को अंडे खिलाकर उनका धर्म और खान-पान भ्रष्ट करना सरकार को शोभा नहीं देता है। मध्यप्रदेश सनातन धर्म सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष पंं. शैलेंद्र जोशी, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज चौधरी के साथ ही पं. राजेश शर्मा, जीतू बिजोरिया, मंगल पटेल, श्रीराम पटेल, हेमंत मस्करा, अमन शर्मा ने कहा कि जो लोग अंडा, मांस-मछली आदि मांसाहार नहीं खाते हैं, उन्हें सरकार के फैसले से बहुत पीड़ा हो रही है। 

इस मौके पर दोनों समितियों से जुड़े अनेक सदस्य एवं आम नागरिकों ने हिस्सा लिया।