🌺भगवान श्रीकृष्ण के मस्तक पर सजने वाला मोरपंख माता लक्ष्मी को भी प्रिय है। एवं भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी मोर ही है।
🌺प्राचीनकाल के ऋषि-मुनि मोर पंख की कलम से साहित्य की रचना करते थे।
🌺मोर पंख से बना पंखा या झाडू कई मंदिरों में देखी जा सकती है। दरअसल मोर पंख में एक विशेष प्रकार का विद्युत चुंबकीय गुण होता है, जो नकारात्मक उर्जा को दूर कर सकारात्मक उर्जा का प्रवाह करता है।
🌺मोर पंख वास्तु दोष दूर करने के साथ ही ग्रहों के दुष्प्रभाव भी कम करता है। अतः घर में मोर पंख होना शुभ माना जाता है।
🌺मोर पंख कालसर्प दोष दूर करने की भी शक्ति रखता है। जिस व्यक्ति को कालसर्प दोष है वह सात मोर पंख सोमवार के दिन अपने तकिए की खोल में रख दे। प्रतिदिन उसी तकिए पर सोए। कालसर्प दोष शांत होगा और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
🌺नवग्रहों की शांति के लिए मोर पंख का प्रयोग किया जाता है। घर के उत्तर या उत्तर-पूर्वी कोने में मोर पंख होने से नवग्रह की पीड़ा कम होती है।
🌺मोर पंख घर में होने से जहरीले जानवर, सर्प, छिपकली, गिरगिट, जहरीले कीड़े आदि नहीं आते।