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छात्रा ने रिपोर्ट में लिखा है कि 22 अगस्त को दोपहर 2 बजे एक लड़का चूड़ियां बेचने आया था। जिसने अपना नाम गोलू पिता मोहन सिंह बताया। वह घर पर अपनी मां के साथ थी। उसने अपनी पहचान साबित करने के लिए जला हुआ वोटर आईडी कार्ड भी दिखाया।
आरोप है कि चूड़ी लेने के बाद जब मां पैसे लेने अंदर गई तो युवक ने बुरी नीयत से उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग आ गए। इस पर वह भागने लगा। उसके बैग से दो आधार कार्ड मिले हैं। एक पर उसका नाम असलम और दूसरे पर तस्लीम पिता मोहर अली लिखा हुआ था। उसके पास से एक आधा जला हुआ वोटर आईडी कार्ड मिला, जिस पर उसके पिता का नाम मोहन सिंह लिखा हुआ था।
आरोप है कि चूड़ी लेने के बाद जब मां पैसे लेने अंदर गई तो युवक ने बुरी नीयत से उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग आ गए। इस पर वह भागने लगा। उसके बैग से दो आधार कार्ड मिले हैं। एक पर उसका नाम असलम और दूसरे पर तस्लीम पिता मोहर अली लिखा हुआ था। उसके पास से एक आधा जला हुआ वोटर आईडी कार्ड मिला, जिस पर उसके पिता का नाम मोहन सिंह लिखा हुआ था।
इससे पहले चूड़ी बेचने वाले युवक से मारपीट के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरा मुख्य आरोपी विवेक व्यास भी ग्वालियर से पकड़ा गया। वह दिल्ली भागने की कोशिश कर रहा था। युवक की पिटाई में राकेश कुमार, राजकुमार भटनागर और विवेक शामिल थे।
उधर, इस बात को लेकर असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि इंदौर में चूड़ियां बेचने वाले एक तसलीम को उग्रवादी भीड़ ने बेरहमी से पीटा। अब पुलिस ने तसलीम के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली है। तसलीम का गुनाह ये है कि मुसलमान होते हुए भी उसे चुप-चाप लिंच नहीं हुआ। उसे लूटने और मारने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। एमपी के गृह मंत्री भी अपराधियों के लिए खुलेआम बहाना बना रहे हैं। चुनी हुई सरकारों और चरमपंथी भीड़ के बीच कोई अंतर नहीं था।
उधर, इस बात को लेकर असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि इंदौर में चूड़ियां बेचने वाले एक तसलीम को उग्रवादी भीड़ ने बेरहमी से पीटा। अब पुलिस ने तसलीम के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली है। तसलीम का गुनाह ये है कि मुसलमान होते हुए भी उसे चुप-चाप लिंच नहीं हुआ। उसे लूटने और मारने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। एमपी के गृह मंत्री भी अपराधियों के लिए खुलेआम बहाना बना रहे हैं। चुनी हुई सरकारों और चरमपंथी भीड़ के बीच कोई अंतर नहीं था।
म.प्र के गृह मंत्री भी खुल के अपराधियों के लिए बहाने बना रहे है। चुनी हुई सरकारों और उग्रवादी भीड़ों में कोई फ़र्क़ नहीं रहा २/२
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 23, 2021
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