दरअसल, बुधवार की सुबह मंदिर पहुंचे पुरातत्व अधिकारी ध्रुवेंद्र जोधा ने अध्ययन कर बताया कि शिवलिंग 2.6 फीट ऊपर और उतना ही अंदर है, यानी यह शिवलिंग 5 फीट का है। यह शिवलिंग जलधारी है, जो 11वीं शताब्दी का परमार काल ही है। वहीं इसके चारों ओर की ईंटें गुप्त कालीन की हैं। जो 5वीं सदी का बताया जा रहा है। फिलहाल इस पर अध्ययन जारी है। इसके साथ ही एक छोटी विष्णु प्रतिमा निकली है जिसमें विष्णु चतुर्भुजी स्थानक मुद्रा में हैं और पद्मा एक गदा धारण किए हुए हैं जिसमें वैजंती माला भी है। जो 10वीं सदी का है।
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खुदाई में मिले अवशेष
महाकालेश्वर मंदिर के सामने के हिस्से में चल रही खुदाई में कई मंदिरों के अवशेष मिले हैं। पुरातत्व विभाग की टीम यहां बड़ी सावधानी से अपना काम कर रही है। कुछ दिन पहले मंदिर के बाहर चल रही खुदाई की दीवारों पर नर कंकाल भी मिले थे, जो हजारों साल पहले के बताए जा रहे हैं।
इल्तुमिशो ने हमला किया
पुरातत्व अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिर पर दिल्ली से आए आक्रामक इल्तुतमिश ने हमला किया था और तभी से मंदिर की यह हालत हो गई जो अब खुदाई के काम के दौरान सामने आ रही है।
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