आपको बता दें कि इस महामारी पर शोध कर रहे एक वैज्ञानिक ने अगस्त में आशंका जताई थी कि अगर भारत में वायरस के मौजूदा रूपों से ज्यादा संक्रामक रूप सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है। डेल्टा वेरिएंट कहर बरपा सकता है।
त्योहारों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी : डॉ. एनके अरोड़ा
उधर, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह, कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एन.के. अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से तेजी से टीकाकरण के बाद स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और कोरोना का कोई नया रूप सामने नहीं आया है। अब तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा त्योहारी सीजन में रहेगा। अगर लोग त्योहारों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं, तो स्थिति फिर से खराब हो सकती है।
भीड़भाड़ हो सकती है खतरनाक : डॉ. गुलेरिया
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस समय कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आ रही है और स्थिति बहुत अच्छी है। हालांकि, आने वाले दिनों में त्योहारी सीजन और उस दौरान कोविड संबंधी तौर-तरीकों का पालन न होना भी तीसरी लहर के लिए बड़े पैमाने पर जुटना निर्णायक कारक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन महीने देश में स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए नियंत्रण रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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