पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे भारत के पश्चिमी हिस्से में पानी की काफी कमी है। तो अब वहां एक नई परंपरा विकसित हुई है। गुजरात में बारिश शुरू होते ही वहां जल-जिलानी एकादशी मनाई जाती है। आज के युग में हम इसे कैच द रेन कहते हैं। यह वही बात है जो पानी की एक-एक बूंद को अपने में धारण कर लेती है।
थोड़ा सा प्रदूषण भी गलत है
उन्होंने कहा, 'इसी तरह बारिश के बाद बिहार और पूर्व के कुछ हिस्सों में छठ का त्योहार मनाया जाता है। मुझे उम्मीद है कि छठ पूजा को देखते हुए नदियों के किनारे घाटों की सफाई और मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, 'जब हम अपने देश में नदियों की महिमा के बारे में बात कर रहे हैं, तो स्वाभाविक रूप से हर कोई एक सवाल उठाएगा और सवाल उठाने का अधिकार है और इसका जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है। कोई यह सवाल पूछेगा कि अगर आप नदी के इतने गीत गा रहे हैं, नदी को मां कह रहे हैं, तो यह नदी प्रदूषित क्यों हो जाती है? हमारे शास्त्रों में नदियों में थोड़ा सा प्रदूषण भी गलत बताया गया है।
पीएम ने कहा, 'आजकल ई-नीलामी चल रही है। ये इलेक्ट्रॉनिक नीलामी उन उपहारों के लिए हो रही है, जो मुझे समय-समय पर लोगों द्वारा दिए गए हैं। इस नीलामी से जो पैसा आएगा वह 'नमामि गंगे' अभियान को समर्पित है।
उन्होंने कहा, 'कई लोगों को पता होगा कि साबरमती नदी जिसके किनारे महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम बनाया था, वह पिछले कुछ दशकों में सूख गई थी। साल में 6-8 महीने पानी दिखाई नहीं देता था, लेकिन नर्मदा नदी और साबरमती नदी जुड़ी हुई थी, इसलिए अगर आप आज अहमदाबाद जाते हैं, तो साबरमती नदी का पानी मन को प्रफुल्लित कर देता है।
स्वच्छता के माध्यम से बापू को नमन करते रहना है
पीएम मोदी ने कहा, 'आज के हमारे युवाओं को पता होना चाहिए कि कैसे स्वच्छता अभियान ने स्वतंत्रता आंदोलन को निरंतर ऊर्जा दी थी। स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने का काम महात्मा गांधी ने ही किया था। महात्मा गांधी ने स्वच्छता को स्वतंत्रता के सपने से जोड़ा था। उन्होंने कहा, 'आज इतने दशकों के बाद स्वच्छता आंदोलन ने एक बार फिर देश को नए भारत के सपने से जोड़ने का काम किया है। जब पीढ़ी दर पीढ़ी स्वच्छता का अभियान चलता है तो पूरे समाज के जीवन में स्वच्छता का स्वरूप बनता है। यह स्वच्छता इस देश में पूज्य बापू को एक बड़ी श्रद्धांजलि है और हमें हर बार यह श्रद्धांजलि देते रहना है, इसे लगातार देते रहना है।
पीएम मोदी ने 'आर्थिक स्वच्छता' का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'यह सच है कि आर्थिक स्वच्छता में तकनीक काफी मदद कर सकती है। यह हमारे लिए खुशी की बात है कि आज यूपीआई के जरिए डिजिटल ट्रांजैक्शन ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि एक महीने में UPI के जरिए 355 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए हैं। उन्होंने बताया, 'आज औसतन 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल पेमेंट UPI के जरिए हो रहा है। इसी सफाई से देश की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आ रही है।
उन्होंने कहा कि खादी और हथकरघा का उत्पादन भी कई गुना बढ़ा है। दिल्ली में खादी के एक शोरूम ने एक दिन में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती है और उस दिन एक नया रिकॉर्ड भी बनाएं। उन्होंने कहा कि दिवाली के त्योहार के दौरान खादी, हथकरघा और कुटीर उद्योगों से खरीदारी 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को मजबूत करेगी।
जब पीएम मोदी ने किया सियाचिन का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि सियाचिन ग्लेशियर का तापमान भी माइनस 60 डिग्री तक चला जाता है। यह वहां एक आम आदमी के बसने की बात नहीं है। हाल ही में सियाचिन ग्लेशियर पर दिव्यांगों की टीम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'अभी कुछ दिन पहले ही सियाचिन के इस दुर्गम इलाके में 8 विकलांगों की टीम ने कमाल किया है, यह हर देशवासी के लिए गर्व की बात है। इस टीम ने सियाचिन ग्लेशियर की 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित 'कुमार पोस्ट' पर अपना झंडा लहराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
टीम में उत्तराखंड के महेश नेहरा, अक्षत रावत, महाराष्ट्र के पुष्पक गावंडे, हरियाणा के अजय कुमार, लद्दाख के लोबसंग चॉस्पेल, तमिलनाडु के मेजर द्वारकेश, जम्मू-कश्मीर के इरफान अहमद मीर और हिमाचल प्रदेश के चोंगजिन आंगमो शामिल थे। पीएम ने कहा, 'शरीर की चुनौतियों के बावजूद इन विकलांग लोगों द्वारा किए गए कारनामे पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं।'
आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें
विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।