इससे पहले 15 फरवरी को कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 60 लोगों की मौत हुई थी। ये घटनाएं कांगो नदी में भी हुईं। नाव पर और लोग सवार थे, जिससे नाव डूब गई। मानव मामलों के मंत्री स्टीव मबिकाई ने बताया था कि इस नाव पर 700 लोग सवार थे। उन्होंने बताया था कि ये घटनाएं देश के माई-नोमाडबे प्रांत में हुई हैं। नाव एक दिन पहले किन्हासा प्रांत से मंगडका के लिए रवाना हुई थी। माई-नोमाडबे प्रांत के लोंगगोला एकोटी गांव के पास पहुंचते ही यह नाव डूब गई।
जनवरी में भी हुआ नाव हादसा
मंत्री ने कहा कि नाव के डूबने का कारण क्षमता से अधिक सवारी करना था। इस पर अधिक भार भी लोड था, जिससे हादसा हुआ। मबिकाई ने इस घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही इस आयोजन में जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इससे पहले भी कांगो में इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। जनवरी में एक नाव दुर्घटना हुई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 में से कुछ लोगों को पता नहीं था। सूत्रों ने कहा था कि ये दुर्घटनाएं यात्रियों की अधिक कीमत के कारण हुई हैं।लंबी दूरी की यात्रा का एकमात्र तरीका
खतरनाक नाव आरोप कांगो में आम हैं। दरअसल, पूरे देश में सड़कों का बुरा हाल है, इस वजह से लोग उन्हें नाव से यात्रा करने के लिए देते हैं। हालांकि, इससे नाव पर अधिक लोग सवार हो रहे हैं। साथ ही नाविकों द्वारा अधिक भार भी लोड किया जाता है। ये सभी कारण नाव दुर्घटनाएं हैं। कांगो के निवासियों के लिए यात्रा करने का एकमात्र तरीका कांगो नदी है। गौरतलब है कि कांगो की अर्थव्यवस्था बहुत खराब है और इसलिए सरकारी बुनियादी ढांचे पर ज्यादा ध्यान नहीं देती है।
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