इस बड़े फैसले के बाद अब नए सिरे से परिसीमन की प्रबल संभावना है। इससे पहले, सरकार ने एक महीने पहले 2019 में कमलनाथ सरकार के दौरान परिसीमन और आरक्षण को समाप्त करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था, जिसे 26 दिसंबर को वापस ले लिया गया था। कमलनाथ सरकार ने 2019 में जिले से ग्राम पंचायतों में नया परिसीमन लागू कर प्रदेश में करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थीं।
राज्य चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द कर दिए गए हैं। सरकार ने चुनाव से संबंधित अध्यादेश को वापस ले लिया, जिसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई थी और चुनाव आयोग ने भी पंचायत चुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद एक और बड़ी खबर सामने आई कि मप्र में पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद राज्य चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार मप्र में अब पंचायत चुनाव संशोधित मतदाता सूची के आधार पर होंगे। पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद राज्य चुनाव आयोग ने यह बड़ा फैसला लिया है।
ताजा मतदाता सूची
अब नए सिरे से पंचायत चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा। 1 जनवरी, 2022 से पहले 18 साल के हो चुके युवा भी इस मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग के निर्णय के आधार पर अब 1 जनवरी 2022 को मतदाता सूची के आधार पर पंचायत चुनाव होंगे।
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