दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पहले कहा था कि स्कूल खोलने का फैसला चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श के बाद लिया जाएगा।इसको लेकर मंत्रियों की ओर से तरह-तरह के बयान आ रहे थे। इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सुबह कहा कि स्कूल खोलने का फैसला विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करने के बाद लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ समय से लगातार कोरोना के मामलों में कमी आई है। ऐसे में स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है। नवंबर में सरकार ने शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल चलाने का फैसला किया था। इसके बाद जनवरी में जब कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए। 15 से 31 जनवरी तक सभी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया।
समय पर होगी परीक्षा
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने वीडियो जारी कर कहा है कि परीक्षाएं समय पर होंगी। उन्होंने स्कूल खोलने के मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया। साथ ही कहा कि स्कूल खोले जा रहे हैं, इसलिए अभिभावकों से आग्रह है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें। बच्चे भी नियमित स्कूल जाते हैं। हमारा प्रयास पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा आयोजित करना है।
नया आदेश जारी
मध्य प्रदेश सरकार के गृह एवं शिक्षा विभागों ने 1 फरवरी से स्कूल खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि कक्षा 1 से 12 तक की सभी कक्षाओं में 50 प्रतिशत उपस्थिति होगी। छात्रावास और आवासीय विद्यालयों में कक्षा 8, 10 और 12 के शत-प्रतिशत विद्यार्थी पढ़ सकेंगे। वहीं, कक्षा 6, 7 और 11 के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को भी छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि 50 प्रतिशत से अधिक छात्र उपस्थित न हों। ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। इससे पहले 14 जनवरी 2022 को आदेश जारी किया गया था और स्कूलों को 15 जनवरी से 31 जनवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया गया था।
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