अप्रैल में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। शुक्रवार को 40.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो 72 साल में दूसरा सबसे ज्यादा था। अगले कुछ दिनों तक गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, जम्मू, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और आंतरिक उड़ीसा क्षेत्रों में लू चलने की संभावना है।
भीषण गर्मी और गर्मी से दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत झुलस रहा है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि 2 से 4 मई तक राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इससे तापमान 36 और 39 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 4 मई को अंडमान सागर में एक चक्रवात बनेगा जिसके बाद 5 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनेगा और इसके प्रभाव से तापमान में गिरावट की संभावना है।
19 साल में लू ने एक लाख 66 हजार लोगों की जान ली
1998 और 2017 के बीच हीटवेव ने 166,000 से अधिक लोगों की जान ली। एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दशकों में दुनिया भर में अधिक तीव्र और लगातार हीटवेव या हीटवेव से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। 1970 और 2012 के बीच, यूरोप में होने वाली सभी मौतों में से 85 प्रतिशत जलवायु से संबंधित आपदाओं के कारण हुई। हीटवेव और सूखे से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है और दुनिया भर में लोगों को नुकसान हो रहा है।
उदाहरण के लिए, 2003 में यूरोपीय हीटवेव से संबंधित मौतों की संख्या 70,000 से अधिक हो गई, लेकिन हाल ही में हीटवेव के कारण मृत्यु दर में काफी वृद्धि हुई है।
दिल्ली में सोमवार को लू से राहत की उम्मीद
दिल्ली पर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सोमवार से लू चलने की स्थिति कुछ हद तक कम होने की संभावना है। दिल्ली में शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 43.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 25.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जानिए क्या है अलर्ट
- ग्रीन अलर्ट - किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
- येलो अलर्ट - स्थिति पर नजर रखें।
- ऑरेंज अलर्ट- स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
- रेड अलर्ट- स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाएं।
भारत के पाकिस्तान की गर्मी के लिए जलवायु परिवर्तन को दोष देना जल्दबाजी होगी। मौसम पर नजर रखने वाले संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान में चिलचिलाती गर्मी के लिए जलवायु परिवर्तन को दोष देना जल्दबाजी होगी। डब्लूएमओ के मुताबिक, लू लगना स्वाभाविक है और इस बार यह पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा पहले शुरू हुआ। यह सब बदलते मौसम के अनुरूप है।
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