सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बिना ओबीसी आरक्षण के होंगे पंचायत चुनाव, 15 दिन में अधिसूचना करें जारी
इंदौर।
 
पंचायत और शहरी निकाय चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से चुनाव कराने को कहा है सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आयोग दो हफ्ते में अधिसूचना जारी करे। कोर्ट का कहना है कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय की गई शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता। अदालत ने अब केवल अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण के साथ चुनाव कराने को कहा है। कोर्ट के इस आदेश पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला जया ठाकुर और सैयद जाफर की याचिका पर दिया। जाफर के मुताबिक कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य चुनाव आयोग 15 दिन के अंदर पंचायत और नगर पालिका के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करे ओबीसी आरक्षण के मामले में राज्य की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है 
सरकार की अधूरी रिपोर्ट से ओबीसी वर्ग को राज्य में चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा
 इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36 फीसदी आरक्षण के साथ ही होंगे इसमें एसटी को 20 फीसदी और एससी को 16 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शिवराज ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "हमने अभी तक फैसले का विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। हम एक समीक्षा याचिका दायर करेंगे और अदालत से मांग करेंगे कि पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत 5 साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले सभी निकायों के सदस्यों का चुनाव कर लिया जाए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जो राजनीतिक दल ओबीसी आरक्षण की वकालत कर रहे हैं, उन्हें सामान्य सीटों पर ओबीसी लोगों को टिकट देने पर विचार करना चाहिए

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