फाइनल मुकाबले में मुंबई ने पहले खेलकर 374 रन बनाए। जवाब में मध्य प्रदेश ने रजत पाटीदार के 122, यश दुबे के 133 और शुभम शर्मा के 116 रनों की बदौलत 536 रन बनाकर 162 रन की बड़ी बढ़त ले ली। इसके बाद दूसरी पारी में मुंबई की टीम 269 रन पर सिमट गई। इस तरह मध्य प्रदेश को 108 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया।
मध्य प्रदेश के लिए पहली पारी में शतक लगाने वाले रजत पाटीदार ने दूसरी पारी में भी कमाल किया। रजत ने दूसरी पारी में 29 रन की मैच विजयी पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से चार चौके निकले। इसके अलावा दूसरी पारी में हिमांशु मंत्री ने 37 और शुभम शर्मा ने 30 रन बनाए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी सांसद ओपनिंग जोड़ी हिमांशु मंत्री और यश दुबे। हालांकि, एक रन बनाकर दुबे दूसरे ओवर में ही गेंदबाज डी. कुलकर्णी की क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए। उसके बाद शुभम एस शर्मा बल्लेबाजी करने क्रीज पर आए और मंत्री के साथ पारी को आगे बढ़ाया।
मप्र के लिए लक्ष्य इतना मुश्किल नहीं था कि बल्लेबाजों को जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़े। दूसरे विकेट के लिए दोनों बल्लेबाजों के बीच 52 रन की साझेदारी हुई और हिमांशु मंत्री शम्स मुलानी के ओवर में क्लीन बोल्ड हो गए। उन्होंने 55 गेंदों में तीन चौकों की मदद से 37 रन बनाए। इसके बाद पार्थ साहनी क्रीज पर आए।
हालांकि साहनी भी गेंदबाज सैम्स मुलानी के हाथों कोटियां की गेंद पर कैच आउट हो गए और 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। उसके बाद रजत पाटीदार क्रीज पर आए और शुभम शर्मा के साथ पारी को आगे बढ़ाया। इसी बीच अरमान जाफर के ओवर में शर्मा को गेंदबाज मुलानी ने कैच थमा दिया। शर्मा ने 75 गेंदों में एक चौके और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए।
एमपी ने चार विकेट के नुकसान पर 101 रन भी बनाए थे। उनके बाद आदित्य श्रीवास्तव क्रीज पर आए जिन्होंने पाटीदार के साथ नाबाद पारी खेली और सांसद को जीत की कगार पर ले गए। एमपी ने 29.5 ओवर में मैच जीत लिया। टीम ने 4 विकेट के नुकसान पर 108 रन बनाए।
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