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संजय शुक्ला ने कांग्रेस के लिए अच्छी लड़ाई लड़ी, लेकिन अंत में जीत का स्वाद नहीं चखा। पुष्यमित्र भार्गव होंगे शहर के नए मेयर उनकी जीत के पीछे संगठन और कार्यकर्ताओं की मेहनत है। आइए जानते हैं जीतने के पांच कारण
भाजपा ने पिछले चार कार्यकाल में किया विकास
वह इंदौर नगर निगम में चार बार भाजपा के मेयर रहे हैं। इन वर्षों में शहर का काफी विकास हुआ है। बीजेपी ने साफ-सफाई, सड़क, खूबसूरती, स्मार्ट सिटी जैसे मुद्दों पर अच्छा काम किया है। इसका लाभ पुष्यमित्र भार्गव को मिला है। भार्गव ने अपने चुनाव अभियान में अतीत में हुए घटनाक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित किया। वे जानते थे कि शहर में विकास की कहानी ही उन्हें जीत दिलाएगी।
भाजपा ने पिछले चार कार्यकाल में किया विकास
वह इंदौर नगर निगम में चार बार भाजपा के मेयर रहे हैं। इन वर्षों में शहर का काफी विकास हुआ है। बीजेपी ने साफ-सफाई, सड़क, खूबसूरती, स्मार्ट सिटी जैसे मुद्दों पर अच्छा काम किया है। इसका लाभ पुष्यमित्र भार्गव को मिला है। भार्गव ने अपने चुनाव अभियान में अतीत में हुए घटनाक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित किया। वे जानते थे कि शहर में विकास की कहानी ही उन्हें जीत दिलाएगी।
संघ और जमीनी कार्यकर्ता की कड़ी मेहनत
पुष्यमित्र भार्गव की जनता के नेता होने की प्रतिष्ठा नहीं थी। नाम तय होने के बाद जनता के बीच एक ही सवाल था कि यह पुष्यमित्र भार्गव कौन हैं। पुष्यमित्र को शहर का दोस्त बनाने के लिए आरएसएस और बीजेपी के जमीनी कार्यकर्ताओं ने घर-घर दस्तक दी। योजना के अनुसार काम किया गया। बार-बार बैठकें, बूथ स्तर तक की योजना बनाकर इस जीत की नींव रखी। इसके अलावा टीम भार्गव समाजों में, मोहल्लों में, बस्तियों में भी काम कर चुकी हैं। छात्र राजनीति में एक साथ रहे कई नेताओं ने भार्गव को मैदान में उतारा।
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दिग्गजों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी
इंदौर में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गजों ने बीजेपी के लिए खूब मेहनत की। इसके साथ ही शहर के विधायक-पूर्व विधायक ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में पुष्यमित्र के साथ जमकर प्रचार किया था। साथ ही टीम कैलाश ने मैदान में पकड़ को कमजोर नहीं होने दिया।
शहर के सभी बड़े नेताओं की तारीफ करें
छात्र राजनीति से ही पुष्यमित्र नेताओं के करीबी रहे हैं। अपने चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भार्गव ने शहर के तमाम बड़े नेताओं को अपने साथ खड़ा किया। कैलाश विजयवर्गीय टीम हो, पूर्व मेयर मालिनी गौर टीम हो या सुमित्रा महाजन टीम। नाम तय होते ही भार्गव सभी से मिलने घर गए, तस्वीरें जारी की और साथ रहने का संदेश देने की कोशिश की। परिणामस्वरूप सभी दिग्गजों की टीम भार्गव के काम में जुट गई। इसका लाभ उन्हें भी मिला है।
युवाओं ने दिया समर्थित
इंदौर में 18 लाख 35 हजार 316 मतदाता हैं। इनमें से करीब ढाई लाख ऐसे मतदाता हैं जिन्होंने पहली बार वोट डाला था। बीजेपी प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव की टीम ने इन नए वोटरों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एबीवीपी ने संभाली कमान भार्गव जैसे उच्च शिक्षित व्यक्ति की खूब मार्केटिंग हुई। युवाओं को लुभाने में कारगर रहें। भाजपा के पारंपरिक वोट के अलावा युवाओं का समर्थन जीत हासिल करने में कारगर रहा। इसके साथ ही बीजेपी की सोशल मीडिया टीम ने भी युवा वोटरों को रिझाने के लिए अलग रणनीति बनाई थी।आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें
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