भाजपा की प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद और मेरे (इस्तीफा) के लिखे पत्र में काफी समानता है। हर कोई जानता है कि राहुल गांधी एक अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अब तक सिर्फ अपने बेटे को आगे बढ़ाने का काम किया है, जो अब तक विफल रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस वजह से जो नेता पार्टी के प्रति वफादार थे वे पार्टी छोड़ रहे हैं। मैंने 2015 में कहा था कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी रहेंगे... राहुल गांधी बीजेपी के लिए वरदान हैं। जब लोग हमारे नेताओं की तुलना राहुल गांधी से करते हैं, तो हम आगे बढ़ते हैं।
राहुल गांधी को दोष देना ठीक नहीं
आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि उनके जैसे व्यक्ति को इस नाजुक मोड़ पर पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए थी। इससे पता चलता है कि वह वापस लड़ने के लिए तैयार नहीं है। राहुल गांधी को दोष देना सही नहीं है। वे सत्ता में बने रहना चाहते थे। नुकसान सिर्फ आजाद को होगा, कांग्रेस को नहीं। इधर कांग्रेस नेता और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि की गई टिप्पणी उचित नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि जिंदगी में सब कुछ पाकर 42 साल का एक शख्स आज ऐसे संदेश दे रहा है जो मेरी समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें (गुलाम नबी आजाद) सब कुछ दिया।
इधर कांग्रेस नेता और 'जी23' संदीप दीक्षित ने गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखकर कहा है कि हमने पार्टी के भीतर सुधार का झंडा उठाया था, बगावत का नहीं।
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