क्या सच में होते भूत हैं? क्या है धर्म की मान्यता? विज्ञान और मनोविज्ञान क्या कहते हैं?
अगर आपको अपने बचपन के दिन याद हों तो आपने अपने दादी-नानी से भूतों की कहानियां जरूर सुनी होंगी। वहीं बच्चे भी इन कहानियों पर विश्वास करते नजर आते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि भूत होते हैं। फिल्मों और सीरीज में भी भूत का जिक्र देखने को मिलता है। ऐसे में विश्वास थोड़ा और बढ़ जाता है, लेकिन हर किसी का यह विश्वास पूरी तरह से नहीं होता, क्योंकि हमेशा दो राय होती है कि भूत होते हैं या नहीं। इन दिनों इसकी चर्चा इसलिए भी जोरों पर है क्योंकि बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री विवादों में हैं। दरअसल, उन पर कैमरे के सामने झाड़-फूंक करने और अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि क्या सच में भूत होते हैं? तो आइए जानते हैं इस बारे में क्या है धर्म की मान्यता और विज्ञान की इस बारे में क्या है मान्यता

क्या सच में भूत होते हैं?
दरअसल, भूत होते हैं या नहीं, इस पर अलग-अलग मत हैं। जहां कई लोगों का मानना है कि भूत होते हैं वहीं कई लोग इस पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करते हैं और उनके अनुसार यह सिर्फ मन का वहम होता है। ऐसे में इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि वास्तव में भूत होते हैं या नहीं। 

धर्म के हिसाब से?
अगर धर्म की बात करें तो कई धार्मिक मान्यताओं में भूत-प्रेत जैसी शक्तियों के अस्तित्व को अपने हिसाब से स्वीकार किया गया है। दुनिया भर में कई संस्कृतियों में लोग आत्माओं और मृत्यु में विश्वास करते हैं, जैसा कि दूसरी दुनिया में रहने वाले लोग करते हैं। इतना ही नहीं कई लोग इसकी पूजा भी करते नजर आ रहे हैंउदाहरण के लिए, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कई जगहों पर श्मशान में जाना मना है, खासकर बच्चों और महिलाओं के लिए, इस डर से कि इन लोगों पर बुरी आत्माओं का साया हो सकता है।
इतना ही नहीं कई जगहों पर भूत-प्रेत जैसी चीजें भी सामने आती हैं, इसलिए उन्हें डराने के लिए धार्मिक अनुष्ठान तक किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आत्मा अमर है, जो व्यक्ति के मरने के बाद भी नष्ट नहीं होती है और इसलिए इन असंतुष्ट आत्माओं की भूतों के रूप में कल्पना की जाती है।
 
विज्ञान क्या मानता है? 
सवाल यह भी है कि विज्ञान भूतों के बारे में क्या मानता है? वैज्ञानिक आधार पर भूतों पर शोध करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कई अजीबोगरीब और अप्रत्याशित हादसे होते रहते हैं। इसमें एक मृत व्यक्ति का प्रकट होना, एक छाया बनना, दरवाजे का अपने आप खुलना आदि शामिल हैं।
2016 में, समाजशास्त्री डेनिस और मिशेल वास्कुल ने भूतों के बारे में एक किताब लिखी जिसका नाम था "घोस्टली एनकाउंटर्स: द हॉन्टिंग्स ऑफ एवरीडे लाइफ", जिसमें भूतों के साथ कई लोगों के अनुभवों की कहानियां थीं। वहीं इस किताब के जरिए यह बात सामने आई कि कई लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने सच में भूत देखा है या नहीं।
भूतों में विश्वास करना दुनिया में सबसे ज्यादा मानी जाने वाली पैरानॉर्मल गतिविधियों में से एक है। विज्ञान की मानें तो जब आप भूतों के बारे में सोचते हैं तो आपके दिमाग में सबसे पहले यही बात आती है कि वे कोई वस्तु हैं या नहीं। क्या वे कोई दरवाजा खोल और बंद कर सकते हैं? क्या भूत-प्रेत वस्तु आदि गिरा सकते हैं? भूत-प्रेत से जुड़ी इन बातों को लेकर काफी विवाद है। ऐसे में विज्ञान में भूतों के होने का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है

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