जानकारों के मुताबिक अगर किसी वाहन की चपेट में आने से कोई गंभीर रूप से घायल हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है तो ऐसे मामलों में पुलिस चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 304 या 304ए के तहत मामला दर्ज करती है। यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अंजलि जैसे मामलों में पुलिस धारा 304ए के तहत कार्रवाई करती है। इसमें अगर कोई कार चालक अनजाने में या बिना किसी उद्देश्य के किसी व्यक्ति को टक्कर मारकर या कुचल कर मार देता है, तो उसके खिलाफ इस धारा के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही अगर वाहन चालक दोषी पाया जाता है तो उसे दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। लेकिन, यह भी जान लें कि इस मामले में वाहन मालिक के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस कार मालिक से पूछताछ कर सकती है
यदि कोई कार मांगकर ले जाता है और कार मालिक को इसके बारे में जानकारी नहीं है कि कार मांगने वाला व्यक्ति उस कार से किसी घटना को अंजाम देने के मकसद से लेकर जा रहा है तो इसमें कार मालिक की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है। लेकिन, एक नोट भेजकर, पुलिस कार के मालिक को पूछताछ के लिए बुला सकती है और उससे कार से हुए हादसे, उस घटना के समय उनके लोकेशन, किसी और को कार देने का कारण आदि को लेकर सवाल पूछ सकती है।
इन मामलों में मालिक पर कार्रवाई की जा सकती है
अगर कोई ऐसी घटना होती है जिसमें कार मालिक मौके पर मौजूद नहीं है लेकिन उसे मालूम है कि कार मांगने वाला व्यक्ति किसी वारदात को अंजाम देने के लिए कार लेकर जा रहा है। ऐसे में कार मालिक के खिलाफ साजिश में शामिल होने पर कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा जिस वाहन के मालिक का वाहन परिवहन विभाग के सहयोग से मेल नहीं खाता है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है, साथ ही वाहन के प्रदूषक, बीमा जैसे दस्तावेज पूरे नहीं होने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
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