बांटे जा चुके हैं लाखों रूद्राक्ष
बता दें कि आयोजन स्थल के आसपास करीब 15 गांव हैं। आलम यह है कि दूर राज्यों से आए श्रद्धालुओं के लिए ये शहर होटलों में तब्दील हो गए हैं। वहीं नहाने तक के लिए 200 रुपये वसूल किए जा रहे हैं। लोग रहने के लिए 2000 से लेकर 5000 तक दे रहे हैं।
प्रशासन का क्या कहना है
रुद्राक्ष उत्सव एक छोटे कुंभ का रूप ले लिया है। पंडित प्रदीप मिश्र द्वारा श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया था। लेकिन उन्हें खुद नहीं पता था कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे। अब आलम यह है कि 100 किलोमीटर के दायरे में सभी सड़कें भारी भीड़ से गुजर रही है। सारे इंतजाम चौपट हो गई हैं। प्रशासन की सभी टीमें 24 घंटे काम पर लगी हुई हैं, लेकिन कहीं न कहीं आयोजन समिति की लापरवाही से स्थिति बेकाबू हो गई है। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि जाम पूरी तरह से खुला गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।