साक्ष्य के अनुसार, इस ट्रेन दुर्घटना की आत्मा भयंकर थी, जिसके बाद ट्रेन की एक बोगी भी उड़ गई। इस हादसे की गूंज पांच किलोमीटर तक सुनाई दी। लोग भयभीत हो गए।
दुर्घटना स्थल का नजारा अत्यंत दिल दहलाने वाला था। ट्रेन के यात्रियों के शव विभिन्न स्थानों पर बिखरे हुए देखे गए। किसी के हाथ में कटा हुआ हाथ था, जबकि किसी के पैर अलग-अलग जगह पर मिले। सैंकड़ों लोग ट्रेन के नीचे फंसे थे। उनकी पुकारों की आवाज दुर्घटना स्थल पर गूंज रही थी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, दक्षिण पूर्व रेलवे के अनुसार अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही, 650 यात्रियों को सुरक्षित बाहर लाया गया है। घायल हुए यात्रियों को गोपालपुर, खंटापाड़ा, बालासोर, भद्रक, और सोरो के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। यहां, रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ-साथ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम भी मौजूद है, जिससे आपात स्थिति में तत्परता से इलाज की जा सके।
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