उषा ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में कुछ तर्क दिए जा सकते हैं। पहला, वह एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में काम किया है। दूसरा, उनका हिंदुत्व के मुद्दे पर मजबूत रुख है, जो भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। तीसरा, वह एक महिला हैं, जो भाजपा के लिए एक सकारात्मक संदेश होगा।
हालांकि, उषा ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ भी कुछ तर्क दिए जा सकते हैं। पहला, वह एक विवादास्पद नेता हैं और उनके कुछ बयानों पर आपत्ति जताई गई है। दूसरा, उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए पर्याप्त अनुभव नहीं माना जा सकता है। तीसरा, उनकी निजी जिंदगी भी चर्चा में रही है।
अंततः, यह निर्णय भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करेगा। अगर भाजपा उषा ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाती है, तो यह एक बड़ा बदलाव होगा और मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नई धारा पैदा करेगा।
उषा ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में तर्क
- अनुभवी नेता
- हिंदुत्व के मुद्दे पर मजबूत रुख
- महिला
2003 में पहली बार विधायक बनीं
वह पहली बार 2003 में 12वीं विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुई तथा महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति और धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की परामर्शदात्री दात्री समिति की सदस्य रहीं। 2013 में दूसरी बार विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुई। 2018 में तीसरी बार विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुई। 2 जुलाई, 2020 को उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली। इनका मुख्य व्यवसाय शिक्ष है। वह धार्मिक समारोहों में भजन कीर्तन भी करतीं हैं और महिलाओं की समस्या को लेकर हमेशा मुखर रहती हैं।
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