कॉपी नहीं खरीद सका, 2130 रुपए में केवल किताबें मिलीं... मजदूर की पीड़ा सुनते ही कलेक्टर ने स्कूल की मान्यता रद्द की
भिंड। एमपी में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सरकार का एक्शन जारी है। कई जिलों में प्राइवेट स्कूलों को अधिक फीस की राशि लौटानी पड़ी है। भिंड कलेक्टर ने एक मजदूर की व्यथा सुनकर सख्त कदम उठाया है। महंगी किताब खरीदने को मजबूर करने वाले स्कूल की मान्यता कलेक्टर ने रद्द कर दी है। साथ ही स्कूल को नोटिस जारी किया है। कलेक्टर की जनसुनवाई में एक मजदूर अपनी व्यथा लेकर आया था। उसने कलेक्टर से कहा था कि 2130 रुपए में सिर्फ किताबें आई हैं। पैसा नहीं होने की वजह से कॉपी नहीं ले पाया।

घटना का विवरण
सोमवार की दोपहर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के पास एक मजदूर पहुंचा था। वह भिंड के हलवाई खाने इलाके में रहता है। उसका बच्चा क्लास 2 में पढ़ता है। स्कूल के आदेश के बाद अपने बच्चे के लिए उसने जाकर किताब की खरीद की। इसके बाद कलेक्टर को आकर बिल दिखाया। मजदूर का नाम इमदाद अहमद है। वह फर्नीचर दुकान में काम करता है। कलेक्टर को दिखाया कि स्कूल से मिली पर्ची वाले दुकान से किताब की खरीद की है। 2130 रुपए में सिर्फ किताब ही खरीद पाया हूं।

कॉपियों के लिए मांगे 500 रुपए
मजदूर ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कलेक्टर को बताया कि सुविधा बुक स्टोर में हमने मोलभाव करने की कोशिश की। दुकानदार ने एक नहीं सुनी। साथ ही कॉपियों के लिए अलग से 500 रुपए की मांग की। मेरे पास किताब खरीदने के बाद रुपए नहीं बचे तो कॉपी की खरीद नहीं कर पाया। वहीं, इन किताबों में एक भी एनसीआरटी की नहीं थी।

कलेक्टर ने मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए
मजदूर की व्यथा सुनने के बाद कलेक्टर ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने झांसी रोड स्थित विद्या निकेतन स्कूल के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि स्कूल से कहा गया कि 15 जुलाई 2024 को सुविधा बुक स्टोर भागवती पैलेस नीचे पार्किंग में लिखकर विक्रेता के यहां आपके द्वारा कक्षा-2 की पुस्तकों का सेट लेने हेतु लिखा गया। अभिभावक ने शिकायत की है, जिसमें आठ में से एक भी पुस्तक एनसीआरटी की नहीं है। उन किताबों की कीमत 2130 रुपए है।

नियम का उल्लंघन
कलेक्टर ने सीधे कहा है कि यह मप्र निजी विद्यालय एक्ट का उल्लंघन है। इसमें स्पष्ट है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावक को पुस्तकें, यूनीफॉर्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे।

स्कूल की मान्यता रद्द

इन खामियों को पाते हुए कलेक्टर ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। साथ ही सात दिन के अंदर स्कूल से जवाब मांगा है। जवाब नहीं मिलने पर यह समझा जाएगा कि आप आरोपों का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही प्रशासन एक पक्षीय कार्रवाई करेगी। जवाब मिलने तक स्कूल की मान्यता रद्द रहेगी।


आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें


विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं