पीडीपी को बड़ा झटका
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 49 सीटें जीती हैं। हालांकि भाजपा ने 2014 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया और इस बार 29 सीटों पर जीत दर्ज की। 2014 में उसे 25 सीटें मिली थीं। वहीं, पीडीपी को सबसे बड़ा झटका लगा, जो सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत सकी, जबकि 2014 में उसे 28 सीटें मिली थीं।
मुख्यमंत्री पद पर स्थिति स्पष्ट
इन चुनाव नतीजों के बाद हरियाणा में भाजपा नेता नायाब सिंह सैनी का फिर से मुख्यमंत्री बनना तय है, जबकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। कांग्रेस को इन चुनाव परिणामों से निराशा हाथ लगी है, विशेष रूप से लोकसभा चुनाव के बाद उसके लिए यह नतीजे उम्मीदों के विपरीत रहे हैं।
कांग्रेस में आंतरिक कलह
हरियाणा में कांग्रेस के भीतर आंतरिक खींचतान और आत्मविश्वास की अधिकता उसकी हार का प्रमुख कारण मानी जा रही है। चुनाव के दौरान पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए वरिष्ठ नेताओं के बीच टकराव खुलकर सामने आया, जो उसकी हार का बड़ा कारण बना। हालांकि, कांग्रेस ने 2019 के मुकाबले इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है, 2019 में 31 सीटें जीतने के बाद इस बार 37 सीटों पर जीत हासिल की।
जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव परिणाम नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के लिए अप्रत्याशित नहीं थे। गठबंधन ने पहले से ही बढ़त बनाए रखी थी, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा और वह केवल 6 सीटों पर जीत सकी।
केंद्र पर निर्भरता
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने सत्ता तो हासिल कर ली है, लेकिन राज्य के विकास के लिए उन्हें केंद्र सरकार पर पूरी तरह से निर्भर रहना होगा, क्योंकि यह केंद्र शासित प्रदेश है।
भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर
हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट प्रतिशत के लिहाज से कड़ी टक्कर देखने को मिली। भाजपा को 39.90 प्रतिशत और कांग्रेस को 39.10 प्रतिशत वोट मिले। हालांकि सीटों के मामले में भाजपा ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं। इनेलो सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई।
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे अधिक सीटें
जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणामों में भाजपा को 25.60 प्रतिशत वोट मिले, जो सबसे अधिक हैं, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की। वोट प्रतिशत के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस 23.47 प्रतिशत के साथ भाजपा से पीछे रही। कांग्रेस को करीब 12 प्रतिशत और पीडीपी को 9 प्रतिशत वोट मिले। हालांकि, भाजपा सबसे अधिक वोट पाने वाली पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन सीटों के लिहाज से नेशनल कॉन्फ्रेंस आगे रही।
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