अभियान के तहत हटाया गया गोदाम
एसडीएम श्री घनश्याम धनगर ने बताया कि बिलावली के खसरा नंबर 77 पर हनी छावड़ा (पति सुमित) द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही थीं। यहां एक गोदाम बनाकर 10 से 15 ट्रक प्लाईवुड संग्रहित किया गया था। राजस्व निरीक्षक और पटवारी की जांच में इस गोदाम को सरकारी जमीन पर पाया गया, जिसके आधार पर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत मामला दर्ज किया गया।
अतिक्रमणकर्ता को दी गई चेतावनी
अतिक्रमणकर्ता को सुनवाई का अवसर और अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। साथ ही, 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि, बार-बार चेतावनी के बावजूद अतिक्रमणकर्ता ने खुद से कब्जा नहीं हटाया।
संयुक्त टीम की सख्त कार्रवाई
14 नवंबर को प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने का अंतिम मौका दिया। अतिक्रमणकर्ता ने निजी कारणों से शहर से बाहर होने की बात कहते हुए 24 घंटे का समय मांगा। लेकिन समय सीमा बीतने के बावजूद जमीन खाली नहीं की गई।
आज सुबह 7 बजे से शुरू हुई कार्रवाई में, टीम ने अतिक्रमणकर्ता को सामग्री हटाने के लिए 2 घंटे का समय दिया। निर्धारित समय तक सामग्री नहीं हटाई जाने पर, प्रशासन ने 10 बजे कार्रवाई कर गोदाम को पूरी तरह से खाली करा लिया।
एक करोड़ की सरकारी जमीन हुई मुक्त
प्रशासन की इस कार्रवाई से लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त हुई। यह अभियान जिला प्रशासन की यह प्रतिबद्धता दर्शाता है कि तालाबों, ग्रीन बेल्ट और अन्य शासकीय भूमि पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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