मुस्कान भारतीय: अपने विद्यालय से विश्व रिकॉर्ड तक का सफर
इंदौर, विश्वगुरु। धर्म और संस्कृति के संगम की अनुपम छवि पेश करते हुए अनमोल मुस्कान वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक एवं अध्यक्ष मुस्कान भारतीय ने हाल ही में एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो समाज और नारी शक्ति के लिए प्रेरणादायक है। अपनी प्राथमिक शिक्षा के पवित्र धाम सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोटेगांव पहुंचकर मुस्कान भारतीय ने अपने गुरुओं का सम्मान कर गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित किया। उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों और आचार्यों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इस मौके पर उनका भावुक अंदाज हर किसी के हृदय को छू गया।

नारी शक्ति और संस्कृति की रक्षा में तलवारबाजी का प्रशिक्षण
मुस्कान भारतीय के कार्यों की सराहना केवल शिक्षा और सामाजिक उत्थान तक सीमित नहीं है। उन्होंने इंदौर में शौर्यवीरा तलवारबाजी, जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड की मान्यता प्राप्त है, के बारे में चर्चा करते हुए नारी सशक्तिकरण के एक अनूठे दृष्टिकोण को सामने रखा। उन्होंने इस पर बल दिया कि नारी शक्ति के उत्थान के लिए केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और परंपरागत कला का ज्ञान भी आवश्यक है। मुस्कान ने तलवारबाजी में महिलाओं के प्रशिक्षण की संभावनाओं पर गहन चर्चा की और इसे समाज में नई ऊर्जा का संचार करने वाला कदम बताया।
जड़ों से जुड़ने का भाव
अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद मुस्कान भारतीय ने समय निकालकर अपने पैतृक निवास पहुंचकर परिवारजनों से मुलाकात की। परिवार के साथ बिताए इन अनमोल क्षणों ने यह सिद्ध कर दिया कि अपने कर्तव्यों और आदर्शों में डूबी यह व्यक्तित्व, अपनी जड़ों और पारिवारिक मूल्यों को सदैव आत्मा से जोड़कर रखती हैं।
मुस्कान भारतीय का यह कदम न केवल उनके अपने जीवन की एक प्रेरणादायक घटना है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए यह एक संदेश है कि अपनी संस्कृति, परंपरा और नारी शक्ति के प्रति समर्पित होकर ही हम सच्चे अर्थों में समाज का उत्थान कर सकते हैं। उनकी यह यात्रा धर्म, संस्कृति, और समर्पण का एक जीवंत उदाहरण बनकर उभरी है।
"जहां संस्कारों का सम्मान है, वहां सच्चा उत्थान है।"