मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं, जबकि शेष 58 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं।
मतदाताओं के आंकड़े
दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष और 71.74 लाख महिलाएं शामिल हैं। पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या लगभग दो लाख है। राजधानी में कुल 13,000 से अधिक पोलिंग बूथ स्थापित किए जाएंगे।
प्रमुख राजनीतिक दलों की तैयारियां
आम आदमी पार्टी (आप) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची पहले ही जारी कर दी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब तक 29 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। कांग्रेस ने भी 40 से अधिक सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
राजनीतिक माहौल
चुनाव से पहले दिल्ली की राजनीति गर्म हो चुकी है। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने गठबंधन कर मुकाबला किया था, लेकिन इस बार दोनों दल आमने-सामने हैं। चुनावी प्रचार के दौरान तीखी बयानबाज़ी देखने को मिल रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह न सिर्फ दिल्ली की सत्ता का फैसला करेगा, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका असर हो सकता है।
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