महाकुंभ में भगदड़: मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले अफरा-तफरी, कई की मौत
प्रयागराज:
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नगरी प्रयागराज से एक दर्दनाक घटना सामने आई। मंगलवार देर रात लगभग 1:30 बजे महाकुंभ में अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए और 20 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन घटना ने श्रद्धालुओं और प्रशासन के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैसे मची भगदड़?
महाकुंभ में इस समय भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। लाखों श्रद्धालु संगम तट पर अमृत स्नान के लिए उमड़े, जिससे मेला क्षेत्र में भारी भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि देर रात संगम नोज के पास एक बैरिकेडिंग अचानक टूट गई, जिससे श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मच गई।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अत्यधिक भीड़ के कारण दम घुटने से कई महिलाएं बेहोश होकर गिर पड़ीं। इसके चलते पीछे से आ रहे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। पुलिसकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग 30-35 घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

स्थिति पर काबू पाने के प्रयास
घटना के बाद मेले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पहले बंद किए गए कई बैरिकेड्स अब खोल दिए गए हैं ताकि श्रद्धालु व्यवस्थित रूप से स्नान कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। राज्य सरकार ने मौनी अमावस्या के अवसर पर पहले से ही 1,000 से अधिक चिकित्साकर्मियों को तैनात किया था, जिसमें 300 विशेषज्ञ डॉक्टर भी शामिल हैं।

सीएम योगी की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा, "जहां भी गंगा जल उपलब्ध हो, वहीं स्नान करें। संगम नोज की ओर न बढ़ें।" साथ ही, उन्होंने किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की सलाह दी।

महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती होती है। प्रशासन अब हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है और राहत कार्य जारी हैं। श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे संयम और धैर्य से काम लें ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो। 

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