टिकट की वेटिंग और बढ़ा किराया
भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट इतनी लंबी है कि मौके पर टिकट मिलना लगभग असंभव हो गया है। वहीं, बस सेवाओं ने भी किराए में भारी इजाफा कर दिया है। ऐसे में यदि आप यात्रा में होने वाली असुविधाओं से बचना चाहते हैं, तो मध्य प्रदेश में ही मौनी अमावस्या का लाभ उठाना आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
MP की पवित्र नदियां: गंगा जैसा पुण्य प्राप्त करें
मध्य प्रदेश की कई नदियां धार्मिक और पौराणिक महत्व रखती हैं। इनमें स्नान कर आप आध्यात्मिक लाभ के साथ पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
1. शिप्रा नदी (उज्जैन)
उज्जैन स्थित शिप्रा नदी में स्नान का अपना अलग ही महत्व है। इसे मोक्षदायिनी माना गया है और स्कंद पुराण में इसका उल्लेख मिलता है।
- शिप्रा का महत्व: हर 12 साल में उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होता है। इसे मालवा की गंगा भी कहा जाता है। मान्यता है कि शिप्रा में स्नान करने मात्र से संचित पाप नष्ट हो जाते हैं।
नर्मदा नदी को गंगा के समान ही पवित्र माना गया है।
- जबलपुर में नर्मदा स्नान: जबलपुर के भेड़ाघाट जैसे स्थानों पर नर्मदा नदी में स्नान कर आप अद्भुत शांति और आध्यात्मिक अनुभव पा सकते हैं।
- नर्मदा दर्शन: मान्यता है कि जहां गंगा में स्नान पापों का नाश करता है, वहीं नर्मदा के केवल दर्शन मात्र से पाप मिट जाते हैं।
आप नर्मदापुरम, ओंकारेश्वर, महेश्वर, और मंडला जैसे स्थानों पर नर्मदा नदी में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
भीड़ से बचने का एक सुरक्षित और पुण्यदायक विकल्प
मौनी अमावस्या पर प्रयागराज जाना संभव न हो तो मध्य प्रदेश की इन नदियों में स्नान कर आप पुण्य फल का अनुभव कर सकते हैं। यह न केवल आपको आध्यात्मिक सुख देगा, बल्कि यात्रा की कठिनाइयों से भी बचाएगा।
तो देर किस बात की?
मौनी अमावस्या पर अपने नजदीकी पवित्र नदी में स्नान का संकल्प लें और इस अवसर को विशेष बनाएं।
मौनी अमावस्या पर अपने नजदीकी पवित्र नदी में स्नान का संकल्प लें और इस अवसर को विशेष बनाएं।
आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें
विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।