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भाजपा की प्रचंड जीत, AAP का दिल्ली में पतन
अब तक के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि आम आदमी पार्टी 23 सीटों तक सिमटती नजर आ रही है। इस नतीजे के साथ ही दिल्ली में भाजपा युग की शुरुआत हो गई है, जबकि AAP को अपने सियासी वजूद को लेकर नई रणनीति पर विचार करना होगा। भाजपा मुख्यालय में जश्न की तैयारी शुरू हो चुकी है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 5 बजे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंच सकते हैं।
केजरीवाल की हार के पीछे शराब घोटाले का असर?
AAP की हार को लेकर राजनीतिक विश्लेषण भी शुरू हो गया है। समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की छवि शराब घोटाले के कारण खराब हुई, जिससे जनता का विश्वास डगमगा गया। हजारे ने कहा, "चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार का चरित्र अहम होता है। लेकिन AAP नेतृत्व पैसे और शराब के मामलों में उलझ गया, जिससे जनता ने उसे नकार दिया।"
आतिशी ने बचाई AAP की लाज
AAP के लिए इस चुनाव में एकमात्र राहत की खबर आतिशी की जीत रही। उन्होंने कालकाजी सीट से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को 3,500 वोटों से हराया। केजरीवाल और सिसोदिया की हार के बाद यह नतीजा पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकता है, लेकिन दिल्ली की सत्ता बचाने के लिए यह नाकाफी रहा।
कांग्रेस को फिर बड़ा झटका, राहुल गांधी का नहीं चला जादू
दिल्ली में कांग्रेस इस बार भी कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई। पार्टी ने AAP से अलग होकर चुनाव लड़ा, लेकिन इसका फायदा नहीं हुआ। कांग्रेस का अब तक खाता भी नहीं खुला है, जबकि राहुल गांधी खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए थे। यह नतीजा कांग्रेस के लिए एक और झटका साबित हुआ है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजधानी की राजनीति को पूरी तरह बदल दिया है। भाजपा ने 27 साल बाद सरकार बनाने में सफलता पाई, जबकि AAP का राजनीतिक ग्राफ नीचे गिरा। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की हार से साफ हो गया कि जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा सरकार कैसे दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरी उतरती है और विपक्षी पार्टियां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए क्या रणनीति अपनाती हैं।
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