भक्ति की सुरमयी संध्या : खड़े पवनपुत्र हनुमान मंदिर में संगीतमय सुंदरकांड पाठ एवं महाप्रसादी
विश्वगुरु, इंदौर। धार्मिक श्रद्धा और भक्ति के रस में डूबी हुई 12 अप्रैल की संध्या, खंडवा रोड स्थित बिलावली तालाब के मुख्य द्वार समीप प्रतिष्ठित बाबा श्री खड़े पवनपुत्र हनुमान जी के मंदिर प्रांगण में एक अद्भुत आध्यात्मिक आयोजन का साक्षी बनी। हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ एवं महाप्रसादी का आयोजन दिव्य वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ संध्या 7 बजे भक्ति संगीत की मधुर स्वरलहरियों के साथ हुआ, जिसने समस्त वातावरण को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। श्रीरामचरितमानस के इस महत्तम अध्याय - सुन्दरकाण्ड के गायन में जब श्रीराम के प्रति समर्पण, हनुमान जी की अडिग भक्ति और उनकी विलक्षण लीलाओं का वर्णन हुआ, तब उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
इस पावन प्रसंग पर विशेष रूप से महामंडलेश्वर श्रद्धेया गुरू माँ डॉ. पवित्रानंद गिरि जी (अखिल भारतीय किन्नर अखाड़ा) ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को गौरव प्रदान किया। उनके सान्निध्य में वातावरण और भी आध्यात्मिक हो उठा।
आयोजक श्री जीतेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया कि यह धार्मिक आयोजन पिछले नौ वर्षों से निरंतर श्रद्धा और सेवा के भाव से संपन्न होता आ रहा है। इसका उद्देश्य जनसामान्य में भक्ति, एकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करना है।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लेकर बाबा की कृपा प्राप्त की और महाप्रसादी का लाभ लिया। आयोजन स्थल तक पहुँचने के लिए बिलावली तालाब का मुख्य द्वार मार्गदर्शक बिंदु के रूप में उपयोग में लाया गया।
इस अनुपम आयोजन ने यह सिद्ध किया कि जब भक्ति, संगीत और श्रद्धा एक साथ मिलते हैं, तो एक दिव्य अनुभूति का जन्म होता है—और वही अनुभूति 12 अप्रैल की संध्या को हर श्रद्धालु के हृदय में प्रतिध्वनित हुई।